Quran Quote  :  We have sent you(Muhammad) forth as nothing but mercy to people of the whole world - 21:107

Surah Englsh Translation, Transliteration Tafsir [61-70]

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بِسۡمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحۡمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ

 

۞وَإِلَىٰ ثَمُودَ أَخَاهُمۡ صَٰلِحٗاۚ قَالَ يَٰقَوۡمِ ٱعۡبُدُواْ ٱللَّهَ مَا لَكُم مِّنۡ إِلَٰهٍ غَيۡرُهُۥۖ هُوَ أَنشَأَكُم مِّنَ ٱلۡأَرۡضِ وَٱسۡتَعۡمَرَكُمۡ فِيهَا فَٱسۡتَغۡفِرُوهُ ثُمَّ تُوبُوٓاْ إِلَيۡهِۚ إِنَّ رَبِّي قَرِيبٞ مُّجِيبٞ

और समूद[20] की ओर उनके भाई सालेह़ को भेजा। उसने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! अल्लाह की इबादत (पूजा) करो, उसके सिवा तुम्हारा कोई पूज्य नहीं है। उसी ने तुम्हें धरती से पैदा किया और तुम्हें उसमें बसाया। अतः उससे क्षमा माँगो; फिर उसकी ओर पलट आओ। निःसंदेह मेरा पालनहार निकट है (और प्रार्थनाओं को) स्वीकार करने वाला है।[21]

قَالُواْ يَٰصَٰلِحُ قَدۡ كُنتَ فِينَا مَرۡجُوّٗا قَبۡلَ هَٰذَآۖ أَتَنۡهَىٰنَآ أَن نَّعۡبُدَ مَا يَعۡبُدُ ءَابَآؤُنَا وَإِنَّنَا لَفِي شَكّٖ مِّمَّا تَدۡعُونَآ إِلَيۡهِ مُرِيبٖ

उन्होंने कहा : ऐ सालेह! हमें इससे पहले तुझसे बड़ी आशाएँ थीं। क्या तू हमें उन (बुतों) की पूजा करने से रोक रहा है, जिनकी पूजा हमारे बाप-दादा करते आए हैं? तू जिस चीज़ की ओर हमें बुला रहा है, निःसंदेह उसके बारे में हमें (ऐसा) संदेह है, जो हमें दुविधा में डाले हुए है।

قَالَ يَٰقَوۡمِ أَرَءَيۡتُمۡ إِن كُنتُ عَلَىٰ بَيِّنَةٖ مِّن رَّبِّي وَءَاتَىٰنِي مِنۡهُ رَحۡمَةٗ فَمَن يَنصُرُنِي مِنَ ٱللَّهِ إِنۡ عَصَيۡتُهُۥۖ فَمَا تَزِيدُونَنِي غَيۡرَ تَخۡسِيرٖ

उस (सालेह़) ने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या तुमने विचार किया कि यदि मैं अपने पालनहार की ओर से एक स्पष्ट प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अपनी दया प्रदान की हो, फिर मैं उसकी अवज्ञा करूँ, तो कौन है, जो अल्लाह के मुक़ाबले में मेरी सहायता करेगा? तुम मुझे घाटे में डालने के सिवा कुछ नहीं करोगे।

وَيَٰقَوۡمِ هَٰذِهِۦ نَاقَةُ ٱللَّهِ لَكُمۡ ءَايَةٗۖ فَذَرُوهَا تَأۡكُلۡ فِيٓ أَرۡضِ ٱللَّهِۖ وَلَا تَمَسُّوهَا بِسُوٓءٖ فَيَأۡخُذَكُمۡ عَذَابٞ قَرِيبٞ

और ऐ मेरी जाति के लोगो! यह अल्लाह की ऊँटनी[22] तुम्हारे लिए एक निशानी है। अतः इसे छोड़ दो, अल्लाह की धरती में चरती फिरे और इसे कोई कष्ट न पहुँचाओ, अन्यथा तुम्हें अति शीघ्र यातना पकड़ लेगी।

فَعَقَرُوهَا فَقَالَ تَمَتَّعُواْ فِي دَارِكُمۡ ثَلَٰثَةَ أَيَّامٖۖ ذَٰلِكَ وَعۡدٌ غَيۡرُ مَكۡذُوبٖ

तो उन्होंने उसे मार डाला। तब सालेह़ ने कहा : तुम अपने नगर में तीन दिन अपने जीवन का आनंद लो! यह वचन झूठा सिद्ध होने वाला नहीं है।

فَلَمَّا جَآءَ أَمۡرُنَا نَجَّيۡنَا صَٰلِحٗا وَٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ مَعَهُۥ بِرَحۡمَةٖ مِّنَّا وَمِنۡ خِزۡيِ يَوۡمِئِذٍۚ إِنَّ رَبَّكَ هُوَ ٱلۡقَوِيُّ ٱلۡعَزِيزُ

फिर जब हमारा आदेश आ गया, तो हमने सालेह़ को और उन लोगों को जो उसके साथ ईमान लाए थे, अपनी दया से बचा लिया और उस दिन के अपमान से भी (उन्हें सुरक्षित रखा)। निःसंदेह आपका पालनहार ही शक्तिशाली, प्रभुत्वशाली है।

وَأَخَذَ ٱلَّذِينَ ظَلَمُواْ ٱلصَّيۡحَةُ فَأَصۡبَحُواْ فِي دِيَٰرِهِمۡ جَٰثِمِينَ

और अत्याचारियों को भयंकर आवाज़ (चीत्कार) ने पकड़ लिया और वे अपने घरों में औंधे पड़े रह गए।

كَأَن لَّمۡ يَغۡنَوۡاْ فِيهَآۗ أَلَآ إِنَّ ثَمُودَاْ كَفَرُواْ رَبَّهُمۡۗ أَلَا بُعۡدٗا لِّثَمُودَ

जैसै वे वहाँ कभी बसे ही नहीं थे। सावधान! समूद ने अपने पालनहार का इनकार किया। सुन लो! समूद के लिए (अल्लाह की दया से) दूरी हो।

وَلَقَدۡ جَآءَتۡ رُسُلُنَآ إِبۡرَٰهِيمَ بِٱلۡبُشۡرَىٰ قَالُواْ سَلَٰمٗاۖ قَالَ سَلَٰمٞۖ فَمَا لَبِثَ أَن جَآءَ بِعِجۡلٍ حَنِيذٖ

और हमारे फ़रिश्ते इबराहीम के पास शुभ सूचना लेकर आए। उन्होंने सलाम कहा, तो इबराहीम ने सलाम का जवाब दिया। फिर देर न हुई कि वह एक भुना हुआ वछड़ा[23] ले आया।

فَلَمَّا رَءَآ أَيۡدِيَهُمۡ لَا تَصِلُ إِلَيۡهِ نَكِرَهُمۡ وَأَوۡجَسَ مِنۡهُمۡ خِيفَةٗۚ قَالُواْ لَا تَخَفۡ إِنَّآ أُرۡسِلۡنَآ إِلَىٰ قَوۡمِ لُوطٖ

फिर जब देखा कि उनके हाथ खाने की ओर नहीं बढ़ रहे हैं, तो उनके प्रति अचंभे में पड़ गए और दिल में उनसे भय महसूस किया। उन्होंने कहा : भय न करो। दरअसल हम लूत[24] की जाति की ओर भेजे गए हैं।

Surah hindi Translation and Transliteration

In Surah you can read the translation of Ahmad Raza Khan who was a renowned scholar of the Islamic world and his translation book is known as Kanzul Imaan. You can read the transliteration of Surah which will help you to understand how to read the Arabic text. Apart from that, we have included a Word-By-Word hindi Translation of the Arabic text of Surah .

Surah hindi Tafsir/Tafseer (Commentry)

In Surah we have included two Tafseer (Commentary) in hindi. The first one is from Mufti Ahmad Yaar Khan who was a well-known scholar. In this tafsir, we have also included the most popular Tafsir Ibn-Kathir which is the most comprehensive tafsir available in the world. You can read both or any one of your choice.

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