Quran Quote  :  You will see no incongruity in the Merciful One's creation - 67:3

सूरह मुहम्मद - हिन्दी अनुवाद, लिप्यंतरण, तफ्सीर - आयात [10-20] तक

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بِسۡمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحۡمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ

 

ذَٰلِكَ بِأَنَّ ٱللَّهَ مَوۡلَى ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ وَأَنَّ ٱلۡكَٰفِرِينَ لَا مَوۡلَىٰ لَهُمۡ

यह इसलिए कि निःसंदेह अल्लाह उन लोगों का संरक्षक है जो ईमान लाए और इसलिए कि निःसंदेह काफ़िरों का कोई संरक्षक नहीं।[4]

إِنَّ ٱللَّهَ يُدۡخِلُ ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ وَعَمِلُواْ ٱلصَّـٰلِحَٰتِ جَنَّـٰتٖ تَجۡرِي مِن تَحۡتِهَا ٱلۡأَنۡهَٰرُۖ وَٱلَّذِينَ كَفَرُواْ يَتَمَتَّعُونَ وَيَأۡكُلُونَ كَمَا تَأۡكُلُ ٱلۡأَنۡعَٰمُ وَٱلنَّارُ مَثۡوٗى لَّهُمۡ

निश्चय अल्लाह उन लोगों को जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, ऐसे बाग़ों में दाखिल करेगा जिनके नीचे से नहरें बहती हैं। तथा जिन लोगों ने कुफ़्र किया, वे फ़ायदा उठाते और खाते हैं, जैसे पशु खाते हैं और आग उनके लिए रहने की जगह है।

وَكَأَيِّن مِّن قَرۡيَةٍ هِيَ أَشَدُّ قُوَّةٗ مِّن قَرۡيَتِكَ ٱلَّتِيٓ أَخۡرَجَتۡكَ أَهۡلَكۡنَٰهُمۡ فَلَا نَاصِرَ لَهُمۡ

तथा कितनी ही बस्तियाँ हैं, जो आपकी उस बस्ती से अधिक शक्तिशाली थीं, जिसने आपको निकाल दिया, हमने उन्हें नष्ट कर दिया, फिर कोई उनका सहायक न था।

أَفَمَن كَانَ عَلَىٰ بَيِّنَةٖ مِّن رَّبِّهِۦ كَمَن زُيِّنَ لَهُۥ سُوٓءُ عَمَلِهِۦ وَٱتَّبَعُوٓاْ أَهۡوَآءَهُم

तो क्या वह व्यक्ति जो अपने रब की ओर से एक स्पष्ट तर्क पर है, उस व्यक्ति के समान है, जिसके लिए उसके बुरे कर्मों को सुंदर बना दिया गया और उसने अपनी इच्छाओं का पालन किया?

مَّثَلُ ٱلۡجَنَّةِ ٱلَّتِي وُعِدَ ٱلۡمُتَّقُونَۖ فِيهَآ أَنۡهَٰرٞ مِّن مَّآءٍ غَيۡرِ ءَاسِنٖ وَأَنۡهَٰرٞ مِّن لَّبَنٖ لَّمۡ يَتَغَيَّرۡ طَعۡمُهُۥ وَأَنۡهَٰرٞ مِّنۡ خَمۡرٖ لَّذَّةٖ لِّلشَّـٰرِبِينَ وَأَنۡهَٰرٞ مِّنۡ عَسَلٖ مُّصَفّٗىۖ وَلَهُمۡ فِيهَا مِن كُلِّ ٱلثَّمَرَٰتِ وَمَغۡفِرَةٞ مِّن رَّبِّهِمۡۖ كَمَنۡ هُوَ خَٰلِدٞ فِي ٱلنَّارِ وَسُقُواْ مَآءً حَمِيمٗا فَقَطَّعَ أَمۡعَآءَهُمۡ

उस जन्नत की विशेषता, जिसका वादा परहेज़गारों से किया गया है, यह है कि उसमें कई नहरें ऐसे पानी की हैं जो खराब होने वाला नहीं, और कई नहरें दूध की हैं जिनका स्वाद नहीं बदला, और कई नहरें शराब की हैं जो पीने वालों के लिए स्वादिष्ट है, और कई नहरें ख़ूब साफ़ किए हुए शहद की हैं। और उनके लिए उसमें हर प्रकार के फल और उनके पालनहार की ओर से बड़ी क्षमा है। (क्या ये परहेज़गार) उनके समान हैं, जो सदैव आग (जहन्नम) में रहने वाले हैं तथा जिन्हें खौलता हुआ पानी पिलाया जाएगा, जो उनकी आँतों के टुकड़े-टुकड़े कर देगा?

وَمِنۡهُم مَّن يَسۡتَمِعُ إِلَيۡكَ حَتَّىٰٓ إِذَا خَرَجُواْ مِنۡ عِندِكَ قَالُواْ لِلَّذِينَ أُوتُواْ ٱلۡعِلۡمَ مَاذَا قَالَ ءَانِفًاۚ أُوْلَـٰٓئِكَ ٱلَّذِينَ طَبَعَ ٱللَّهُ عَلَىٰ قُلُوبِهِمۡ وَٱتَّبَعُوٓاْ أَهۡوَآءَهُمۡ

तथा उनमें से कुछ लोग ऐसे हैं, जो आपकी ओर कान लगाते हैं, यहाँ तक कि जब वे आपके पास से निकलते हैं, तो उन लोगों से जिन्हें ज्ञान प्रदान किया गया है, कहते हैं कि उसने अभी क्या[5] कहा? यही लोग हैं, जिनके दिलों पर अल्लाह ने मुहर लगा दी और उन्होंने अपनी इच्छाओं का पालन किया।

وَٱلَّذِينَ ٱهۡتَدَوۡاْ زَادَهُمۡ هُدٗى وَءَاتَىٰهُمۡ تَقۡوَىٰهُمۡ

और वे लोगों जिन्होंने मार्गदर्शन अपनाया, उसने उन्हें हिदायत में बढ़ा दिया और उन्हें उनका तक़वा प्रदान किया।

فَهَلۡ يَنظُرُونَ إِلَّا ٱلسَّاعَةَ أَن تَأۡتِيَهُم بَغۡتَةٗۖ فَقَدۡ جَآءَ أَشۡرَاطُهَاۚ فَأَنَّىٰ لَهُمۡ إِذَا جَآءَتۡهُمۡ ذِكۡرَىٰهُمۡ

तो वे किस चीज़ का इंतज़ार कर रहे हैं सिवाय क़ियामत के कि वह उनपर अचानक आ जाए? तो निश्चय उसकी निशानियाँ[6] आ चुकी हैं, फिर जब वह उनके पास आ जाएगी, तो उनके लिए नसीहत ग्रहण करना कैसे संभव होगा?

فَٱعۡلَمۡ أَنَّهُۥ لَآ إِلَٰهَ إِلَّا ٱللَّهُ وَٱسۡتَغۡفِرۡ لِذَنۢبِكَ وَلِلۡمُؤۡمِنِينَ وَٱلۡمُؤۡمِنَٰتِۗ وَٱللَّهُ يَعۡلَمُ مُتَقَلَّبَكُمۡ وَمَثۡوَىٰكُمۡ

अतः जान लें कि निःसंदेह तथ्य यह है कि अल्लाह के सिवा कोई पूज्य नहीं, तथा अपने पापों के लिए क्षमा[7] माँगें और ईमान वाले पुरुषों और ईमान वाली स्त्रियों के लिए भी, और अल्लाह तुम्हारे चलने-फिरने और तुम्हारे ठहरने को जानता है।

وَيَقُولُ ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ لَوۡلَا نُزِّلَتۡ سُورَةٞۖ فَإِذَآ أُنزِلَتۡ سُورَةٞ مُّحۡكَمَةٞ وَذُكِرَ فِيهَا ٱلۡقِتَالُ رَأَيۡتَ ٱلَّذِينَ فِي قُلُوبِهِم مَّرَضٞ يَنظُرُونَ إِلَيۡكَ نَظَرَ ٱلۡمَغۡشِيِّ عَلَيۡهِ مِنَ ٱلۡمَوۡتِۖ فَأَوۡلَىٰ لَهُمۡ

तथा जो लोग ईमान लाए, वे कहते हैं कि कोई सूरत क्यों नहीं उतारी गई (जिसमें युद्ध का उल्लेख हो)? फिर जब कोई मोहकम (दृढ़) सूरत उतारी जाती है और उसमें युद्ध का उल्लेख होता है, तो आप उन लोगों को देखेंगे जिनके दिलों में बीमारी है, वे आपकी ओर इस तरह देखेंगे, जैसे वह आदमी देखता है, जिसपर मौत की बेहोशी छा गई हो। तो उनके लिए उत्तम है।

Surah hindi Translation and Transliteration

In Surah you can read the translation of Ahmad Raza Khan who was a renowned scholar of the Islamic world and his translation book is known as Kanzul Imaan. You can read the transliteration of Surah which will help you to understand how to read the Arabic text. Apart from that, we have included a Word-By-Word hindi Translation of the Arabic text of Surah .

Surah hindi Tafsir/Tafseer (Commentry)

In Surah we have included two Tafseer (Commentary) in hindi. The first one is from Mufti Ahmad Yaar Khan who was a well-known scholar. In this tafsir, we have also included the most popular Tafsir Ibn-Kathir which is the most comprehensive tafsir available in the world. You can read both or any one of your choice.

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