कुरान - 43:15 सूरह अज़-ज़ुख़रुफ़ हिंदी अनुवाद, लिप्यंतरण और तफसीर (तफ्सीर).

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और उन्होंने[5] उसके बंदों में से कुछ को उसका अंश बना लिया। निःसंदेह मनुष्य खुला कृतघ्न (नाशुक्रा) है।

सूरह अज़-ज़ुख़रुफ़ आयत 15 तफ़सीर


5. जैसे मक्का के मुश्रिक लोग फ़रिश्तों को अल्लाह की पुत्रियाँ मानते थे। और ईसाइयों ने ईसा (अलैहिस्सलाम) को अल्लाह का पुत्र माना। और किसी ने आत्मा को प्रमात्मा तथा अवतारों को प्रभु बना दिया। और फिर उन्हें पूजने लगे।

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